घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी (जिसे घुटने की आर्थोप्लास्टी के रूप में भी जाना जाता है) एक प्रकार की सर्जरी है जो घुटने के दर्द को दूर करता है तथा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त घुटनों की कार्यप्रणाली को पुनः सामान्य करता है। यह एक शल्यक्रिया (ऑपरेशन) है जिसमें डॉक्टर घुटनों की क्षतिग्रस्त हड्डियां एंव कार्टिलेज (जांग की हड्डी, पैर की हड्डी एंव टकने की हड्डी ( Knee Cap ) को कृत्रिम अंग (Prosthesis) जो कि मिश्र धातु, उच्च स्तरीय प्लास्टिक एंव पॉलीमर का बना होता है, उससे बदल दिया जाता है। घुटनों कि रिप्लेसमेंट कराने की आवश्यकता मुख्य रूप से आर्थराइटिस (गठिया) से पीड़ित रोगी को पड़ती है। गठिया (आर्थराइटिस) एक ऐसी बीमारी है जिसमें घुटने में उपस्थित कार्टिलेज (जो कि घुटनों में घर्षण रहित मूवमेंट करवाती है), टूटने लगती है। जिसके परिणाम स्वरूप घुटने कि हड्डियां एक दूसरे से रगड़ खाना शुरू कर देती हैं जो कि काफी दर्दनाक होता है। इसके इलावा, घुटनों को हानि पहुँचाने वाले दूसरे रोग हैं: रहूमटॉइड ( rheumatoid ) आर्थराइटिस – एक ऐसी स्थिति जिसमें घुटनों में इन्फ्लामेशन होने लगता है। इसके इलावा, ट्रॉमेटिक (traumatic) आर्थराइटिस जिसमें घुटनों को किसी चोट या दुर्घटना के कारण नुकसान पहुँचता है। डॉ. एस.एस. खत्री ( वरिष्ठ चिकित्सक, सलाहकार, आर्थोप्लास्टी, आर्थोस्कोपी) के अनुसार ये सभी स्थितियां घुटनों के दर्द को धीरे-धीरे बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती है और समय के साथ यह समस्या ओर गंभीर एंव दर्दनाख हो जाती है। एक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन आपके घुटनों की स्थिति, घुटनों की चाल, घुटनों के टेढ़ापन एंव दर्द के स्तर को देखने के बाद रिप्लेसमेंट का निर्णय लेता है। क्षतिग्रस्त घुटने को जांचने के लिए सामान्यता x ray एंव MRI की ज़रूरत पड़ती है। घुटनों की रिप्लेसमेंट (Partial & Complete) सर्जिकल तकनीक एंव कृत्रिम अंग (Prosthesis) बहुत सारे घटकों से प्रभावित होते हैं जैसे उम्र, लिंग, वज़न, एक्टिविटी लेवल एंव शारीरिक कार्य, घुटने की साइज, शेप तथा कोई पुरानी मेडिकल हिस्ट्री आदि। जब घुटनों को अधिक नुकसान पहुँच चुका होता है जिसके कारण चलना-फिरना, सीढ़ियाँ चढ़ना-उतरना और अपनी आम ज़िन्दगी जीना मुश्किल हो जाता है तब प्रायः घुटनों का रिप्लेसमेंट ही एक आखरी रास्ता बचता है।

घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए सही समय तय करने के संकेतः

  • दर्द कम करने के लिए दवाओं का कोई प्रभाव ना हो।
  • जब कोर्टिसोन इंजेक्शन, चिकनाई इंजेक्शन, आराम, और फिजियोथेरेपी जैसे उपचार आपके दर्द को कम करने के लिए अप्रभावी हों।
  • रोजमर्रा के काम करने में कठिनाई होना और दर्द का सामना करना, जैसे कि स्नान करना, बिस्तर से बाहर निकलना, कुर्सी से उठना या सीढ़ियों पर चढ़ना।
  • चलने के लिए एक वॉकर या किसी तीसरे व्यक्ति की सहायता की आवश्यकता होना ।
  • चाल बिगड़ना और घुटनों का टेढ़ापन ।
  • जब पूरा दिन बैठे या लेटे रहने पर भी गंभीर दर्द का अनुभव होना।
  • घुटने में चोट या आर्थराइटिस की वजह से।
  • 55 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में घुटनों के बदलने की आवश्यकता ज्यादा होती है। हालांकि, सभी उम्र के रोगियों का सफलपूर्ण घुटने का रिप्लेसमेंट संभव है।

सर्जरी न होने से हो सकता है:

  • घुटने में दर्द जो अजीबो गरीब चलने की शैली का कारण बन सकता है और यह आपके कूल्हे और रीढ़ की हड्डी को भी ख़राब कर सकता है।
  • मांसपेशियों और लिगामेंट्स में कमजोरी आ जाती है और समय रहते न इलाज करवा जाये तो यह काम करना बंद कर देते हैं।
  • दर्द में वृद्धि और घुटनों का सही कार्य ना कर पाने की वजह से सामान्य दैनिक गतिविधियों में कठिनाई होना। नार्मल चलने में, वाहन चलाने में और घर का काम काज करने में बहुत दर्द होना।
  • निष्क्रिय जीवन शैली (इनएक्टिव लाइफस्टाइल) के कारण समग्र स्वास्थ्य में गिरावट।
  • गतिशीलता में कमी के कारण उदासी और अवसाद (डिप्रेशन)।
  • कॉम्प्लिकेश्न् जो भविष्य में सर्जरी के अलावा कोई ओर विकल्प नहीं छोड़ता है।
इन सभी कारणों के कारण किसी भी व्यक्ति के जीवन की गुण्वत्ता का स्तर कम हो सकता है और इससे उनकी भावनात्मक ( इमोशनल) और शारीरिक (फिजिकल) स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। लगातार क्षतिग्रस्त जोड़ों के निरंतर उपयोग से, कूल्हे के जोड़ों और कमर के जोड़ों पर भी नुकसान पहुँचता है। समय रहते की गई सर्जरी वाले मरीजों की सफलता दर अधिक है और इसके अलावा घुटने, अधिक महीनों और वर्षों तक प्रभावी ढंग से काम करते हैं। रोगी को सर्जरी के बाद अस्पताल में 1-3 दिन बिताने की जरूरत होती है, और सामान्य गतिविधियों में वापस आने में 6 सप्ताह का समय लगता है। ज्यादातर लोग 3 से 6 सप्ताह के बाद फिर से अपने वाहन चलाने में सक्षम होते हैं। छोटी उम्र के लोग जिनकी घुटने की सर्जरी हुई है, उनमें पुनः सर्जरी (Revision) की आवश्यकता अधिक होती है, क्योंकि वे अपने घुटने के जोड़ पर अधिक ज़ोर डालते हैं।

सर्जरी के लिए सबसे उपयुक्त समय ?

यदि आपके सलाहकार सर्जन या डॉक्टर आपको बताते हैं कि आप सर्जरी से लाभान्वित हो सकते हैं, तो ये जल्द से जल्द कराने पर विचार करें। निम्नलिखित कारक सर्जरी के सही समय पर कुछ प्रकाश डाल सकते हैं:
  • सर्जरी किसी भी मौसम में की जा सकती है।
  • पैसों की व्यवस्था और सर्जरी का खर्चा। घुटनों के इम्प्लांट (कंपनी) के उपयोग के बारे में जानकारी।
  • आपको अस्पताल लाने और ले जाने के लिए किसी की उपलब्धता।
  • रिकवरी के दौरान भोजन और अन्य दैनिक गतिविधियों में आपकी मदद करने के लिए किसी की उपलब्धता।
  • सर्जरी के बाद पहले कुछ दिनों के लिए बच्चों, पालतू जानवरों और अन्य आश्रितों की मदद करने के लिए किसी का होना।
  • आपकी देखभाल करने वाले के साथ सर्जरी और रिकवरी की तारीखें मैच करना।
  • सर्जरी के लिए सर्जन या चिकित्सक की उपलब्धता।